27 Dec 2020

Uttrakhndh India




उत्तराखंड में घूमने की  सबसे अच्छी जगह है यहां कई लोग आकर अपनी छुट्टियां व्यतीत करते है यहां लोग विदेशो से भी घूमने आते है। उत्तराखंड एक शांत जगह है । जो लोग शांत ओर शुकून की जिंदगी बिताना चाहते है वो लोग उत्तराखंड आ सकते है यहां का खान पान ओर लोग बड़े सरल है। यहां सभी धर्म के लोग देखने को मिलते है हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई ओर बौद्ध धर्म के लोग यहां प्रमुख रूप से निवास करते है । अगर यहां के खान पान की बात करे तो आलू के गुटके ओर ककड़ी का रायता ओर मडुवे की रोटी ओर भट्ट की दाल प्रसिद्ध है  यहां के लोग दो भागो में बंटे हुए है एक कुमाऊं ओर दूसरा गड़वाल कुछ लोग पहाड़ो में निवास करते है तो कुछ लोग तराई भाग में निवास करते है। 
उत्तराखंड में जो लोग पहाड़ो में निवास करते है उनका जीवन कठिन है उन्हें कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। पहाड़ी खाने का अलग ही स्वाद है ये लोग साधारण तरीके के खाना खाते है  पर खाने का स्वाद दिल छू जाता है ये लोग अधिकत आग में बना खाना खाते है । 
उत्तराखंड में बहुत सी ताले ओर नदिया है जो उत्तराखंड को सुंदर बनाती है कुछ ताल प्राकृतिक ओर कुछ ताल लोगो ने बनाई है। 
उत्तराखंड में घास के मैदान को बुग्याल कहते है ओर इन बुग्यालों में लोग  अपनी गाय भेड़ ओर जानवरों को चराते है इसे जानवरों का स्वर्ग भी कहा जाता है। उत्तरकाशी के दायरा बुग्याल में लोग मखकन की होली खेलते है।
उत्तराखंड में जब लोग मैदानों से पहाड़ो की ओर जाते है तो रास्ते में एक ना एक मंदिर देखने को जरूर मिलता है। मंदिर के किनारे एक पानी का स्रोत देखने को मिलता है।
जब उत्तराखंड में अंग्रेजो ने अपना राज्य स्थापित किया था तो उन्हें भी कहा था कि उत्तराखंड में पहाड़ के लोग सीधे साधे है यहां के लोगों के लिए कोई कानून की जरूरत नहीं है यहां अपराध ना के बारबर होते है।
उत्तराखंड में सभी जिले प्रसिद्ध है कोई तालो के लिए प्रसिद्ध है तो कोई मिठाई के लिए प्रसिद्ध है कोई माया नगरी से तो कोई मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।
उत्तराखंड धर्मनिरपेक्ष राज्य का अच्छा उदाहरण है  चार धामों में से बद्रीनाथ मंदिर मुगल शैली में बना है ओर एक हथिया देवाल  एलोरा शैली में बना है।
उत्तराखंड में गोलजु देवता को न्याय का देवता माना जाता है ओर ये माना जाता है  कि यहां अपने साथ हुए अन्याय की बात आप एक पर्ची के माध्यम से रख सकते है इस मंदिर का निर्माण बाज बहादुर चंद ने करवाया था ये मंदिर भीमताल ओर अल्मोड़ा में है।
उत्तराखंड की  एक अलग ही बात है  यहां लोग किसी भी देश या राज्य से आएं वो यहां आकर यहां के लोगों ओर यहां की प्राकतिक के साथ आराम से घुल मिल जाते है।







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