30 Dec 2020

शहर से गांव की ओर



हम सब ने सुना है कि लोग गांव से शहर की ओर जा रहे है लेकिन कुछ ऐसे भी लोग है जो शहर को छोड़कर  गांव की ओर आएं है । उत्तराखंड नैनीताल में रामगढ़ से एक ऐसे इंसान के बारे में सुना कि जो दिल्ली में अपनी जॉब छोड़कर अपने पूरे परिवार के साथ रामगढ़ आ कर बस गए इससे पहले वे भीमताल के निशोला गांव में किराए के मकान में रहते थे फिर बाद में उन्होंने रामगढ़ में जमीन लेकर अपने लिए मकान बनाया ओर  उत्तराखंड के फलों के राजा रामगढ़ में अपना जीवन बिताना शुरु कर दिया। उनका नाम है लव सिंह ये दिल्ली से है ओर ये दिल्ली में अपनी नोकरी छोड़कर उत्तराखंड में बस गए। लव एक युटूबर है ओर इनकी वीडियो में पहाड़ो की संस्कृति की पूरी जानकारियां है लव रामगढ़  के लोगो के जीवन ओर यहां का खान पान के बारे में अपनी वीडियो में बताते है  यहां तक उन्होंने पहाड़ो के कठिन जीवन ओर वहा की समस्या में बारे में कई सारी वीडियो बनाई है  इस पंजाबी परिवार की सबसे अच्छी बात यह है कि उनके बच्चों भी  रामगढ़ के स्कूल से ही पढ़ाई कर रहे है उन्होंने अपने बच्चो को पढ़ाई के लिए बाहर नहीं भेजा है। 
 लव  रामगढ़ में बागवानी भी करते है ओर यूट्यूब पर वीडियो बनाते है उन्होंने पहाड़ो की प्रकृति को पूरी दुनिया के सामने  अपनी  वीडियो के माध्यम से  रखा है। लव का मानना है कि पहाड़ो का जीवन बहुत कठिन है पहाड़ो में कई प्रकार की समस्या है जैसे स्कूल हॉस्पिटल आदि इन समस्या को उन्होंने अपनी वीडियो के माध्यम से भी बताया है। लव को पहले से ही प्रकृति से बहुत प्यार है । उनकी दिल्ली वाली वीडियो से पता चलता है जब लव छुट्टियों में सायकलिंग के लिए  लंबे समय के लिए पहाड़ो की ओर जाते थे ।
ये शहर का पलायन गांव में हर किसी के लिए एक सीख है गांव में भी बहुत कुछ जीने के लिए जो लोग गांव से शहरो की ओर नोकरी ओर अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा के देने के लिए जा रहे है उन्हें लव सिंह से कुछ सीखना चाहिए ।
जो लोग गांव में पहले से रह रहे है  उन लोगो से ज्यादा लव ओर उनके परिवार को  समस्या का सामना करना पड़ा होगा।



I love Nainital uttrakhndh




Love Nainital is written in front of Nainital Tal where it starts, it is so attractive that everyone takes a photo with it, it has become a type of identity of 
 But now I Love Nainital has been covered and now it has become a famous topic why it has been done. As soon as the permission to visit the tourism got four months after the coronavirus, thousands of people came to Nainital and everyone came to Nainital  Many people rush to take photos and take photos.





 Seeing the increasing danger of coronavirus, the Nainital administration covered I Love Nainital so that people could not crowd the photos at this place because it is likely to increase the risk of coronavirus.  Most of the tourism in Nainital comes from outside state and different country, it has been decided keeping this in mind.

 The question was in everyone's mind that why I Love Nainital was removed, the reason for this is Coronavirus, because of this it was covered.

 Everyone comes to visit Nainital, he also has a feeling that I love to take photographs in front of Nainital, for some time people cannot take photos with it.

 I love Nainital can also increase the risk of coronavirus in Nainital, many people come and take photos.

 This is the right decision of the Nainital Municipal Administration.

खीं



27 Dec 2020

Uttrakhndh India




उत्तराखंड में घूमने की  सबसे अच्छी जगह है यहां कई लोग आकर अपनी छुट्टियां व्यतीत करते है यहां लोग विदेशो से भी घूमने आते है। उत्तराखंड एक शांत जगह है । जो लोग शांत ओर शुकून की जिंदगी बिताना चाहते है वो लोग उत्तराखंड आ सकते है यहां का खान पान ओर लोग बड़े सरल है। यहां सभी धर्म के लोग देखने को मिलते है हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई ओर बौद्ध धर्म के लोग यहां प्रमुख रूप से निवास करते है । अगर यहां के खान पान की बात करे तो आलू के गुटके ओर ककड़ी का रायता ओर मडुवे की रोटी ओर भट्ट की दाल प्रसिद्ध है  यहां के लोग दो भागो में बंटे हुए है एक कुमाऊं ओर दूसरा गड़वाल कुछ लोग पहाड़ो में निवास करते है तो कुछ लोग तराई भाग में निवास करते है। 
उत्तराखंड में जो लोग पहाड़ो में निवास करते है उनका जीवन कठिन है उन्हें कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। पहाड़ी खाने का अलग ही स्वाद है ये लोग साधारण तरीके के खाना खाते है  पर खाने का स्वाद दिल छू जाता है ये लोग अधिकत आग में बना खाना खाते है । 
उत्तराखंड में बहुत सी ताले ओर नदिया है जो उत्तराखंड को सुंदर बनाती है कुछ ताल प्राकृतिक ओर कुछ ताल लोगो ने बनाई है। 
उत्तराखंड में घास के मैदान को बुग्याल कहते है ओर इन बुग्यालों में लोग  अपनी गाय भेड़ ओर जानवरों को चराते है इसे जानवरों का स्वर्ग भी कहा जाता है। उत्तरकाशी के दायरा बुग्याल में लोग मखकन की होली खेलते है।
उत्तराखंड में जब लोग मैदानों से पहाड़ो की ओर जाते है तो रास्ते में एक ना एक मंदिर देखने को जरूर मिलता है। मंदिर के किनारे एक पानी का स्रोत देखने को मिलता है।
जब उत्तराखंड में अंग्रेजो ने अपना राज्य स्थापित किया था तो उन्हें भी कहा था कि उत्तराखंड में पहाड़ के लोग सीधे साधे है यहां के लोगों के लिए कोई कानून की जरूरत नहीं है यहां अपराध ना के बारबर होते है।
उत्तराखंड में सभी जिले प्रसिद्ध है कोई तालो के लिए प्रसिद्ध है तो कोई मिठाई के लिए प्रसिद्ध है कोई माया नगरी से तो कोई मंदिर के लिए प्रसिद्ध है।
उत्तराखंड धर्मनिरपेक्ष राज्य का अच्छा उदाहरण है  चार धामों में से बद्रीनाथ मंदिर मुगल शैली में बना है ओर एक हथिया देवाल  एलोरा शैली में बना है।
उत्तराखंड में गोलजु देवता को न्याय का देवता माना जाता है ओर ये माना जाता है  कि यहां अपने साथ हुए अन्याय की बात आप एक पर्ची के माध्यम से रख सकते है इस मंदिर का निर्माण बाज बहादुर चंद ने करवाया था ये मंदिर भीमताल ओर अल्मोड़ा में है।
उत्तराखंड की  एक अलग ही बात है  यहां लोग किसी भी देश या राज्य से आएं वो यहां आकर यहां के लोगों ओर यहां की प्राकतिक के साथ आराम से घुल मिल जाते है।







26 Dec 2020

उत्तराखंड के पर्वत की ऊंचाई

उत्तराखंड के पर्वत की ऊंचाई
पर्वत शिखर   ऊंचाई (मी)   क्षेत्र
नंदादेवी पश्चिम   7817   चमोली 
कामेट              7756     चमोली
नंदा देवी पूर्वी    7434           चमोली ओर पिथौरागढ़
माड़ा              7272                    चमोली
चोखमबा।        7138                   चमोली
त्रिशूल              7120                      चमोली
द्रोणगिरी         7066                    चमोली
पंचाचुली           6861।         चमोली ओर पिथौरागड़
भागीरथी         6856            उत्तरकाशी
नंदा घाट        6674          चमोली
गंगोत्री         6672।        उत्तरकाशी
बंदरपूंछ       6320       उत्तरकाशी
संतो पंथ       7084       चमोली
गंधमादन      6984     चमोली
श्री कंठ।      6728       उत्तरकाशी
स्वर्गारोहिणी  6252      चमोली उत्तरकाशी
नर पर्वत      5831       चमोली



कोरोनावायरस का भारत के मजदूरों पर प्रभाव






कोरोनावायरस भारत में बढ़ता जा रहा है रोज नए नए केस मिल रहे है।
 21मार्च 2020 को पूरे भारत  को बन्द कर दिया था । जिससे भारत की अर्थवयवस्था पर प्रभाव पड़ा सारी कम्पनियां बन्द कर दी गई कई लोग बेरोजगार हो गए कुछ लोगो ने वर्क फ्रॉम होम तो कुछ लोग अपने गांव  चले गए। भारत में कुछ लोग ऐसे भी दिखे जो पैदल ही अपने गांव को गए कुछ तो टैक्सी बुक करा के अपने घर गए  ।
ऐसा क्यों की कुछ लोग पैदल ओर कुछ लोग टैक्सी बुक करा के अपने घर गए 
ऐसा इसलिए कुछ लोग तो नौकरी के लिए शहरो में आते है ओर छोटी सी भी नौकरी करने के लिए तैयार हो जाते है जिससे उसमे से आधा पैसा उन्हें अपने परिवार के लिए भेजना पड़ता है। कोरोनावायरस के समय कुछ मजदूर इस आश में लगे थे कि जल्दी से उनकी कम्पनी खुल जाएगी पर ऐसा नहीं हुआ भारत सरकार ने बढ़ते वायरस को देख कुछ ना खोलने का फैसला लिया ओर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव मजदूर वर्ग पर पड़ा अब उन्हें अपने घर लौटने को कहा गया लेकिन उनके पास कुछ पैसा नहीं बचा था क्योंकि भारत बंद के समय उनका जितना पैसा था वो सब खर्च हो गया अब उनके पास पैदल चलकर अपने घर जाने का रास्ता बचा था ओर उन्होंने पैदल मार्ग चुना ओर अपने घर की ओर निकल पड़े रास्ते में उन्हें गर्मी पानी ओर खाने की परेशानी हुई 
पर रास्ते में उन्हें कई लोग इससे भी मिले जिन्होंने इनकी मदद की कई लोगो ने पानी देने से मना कर दिया तो कई लोग रास्ते में मदद के लिए खड़े रहेते थे। पैदल चलने से कई लोगो की मौत हो गई। कोरोनावायरस के कारण शहरो की ओर से गांव कि ओर पलायन देखने को मिला कई लोग अपने गांव वापस आएं। कोरोनावायरस में गांव में बनजर भूमि भी उपजाऊ बन गई लोगो ने अपने गांव में ही काम करना शुरू कर दिया। जो गांव कई साल से खंडर बन गए थे वो फिर से हरे भरे हो गए ।
कोरोनावायरस में भारत के मजदूरों ने जितना पैदल चलकर अपने घर जाने के तक की यात्रा की होगी उतना किसी भी देश के मजदूरों ने नहीं की होगी।
मार्च अप्रैल मई के समय में भारत में गर्मी का स्तर ऊंचा होता है ओर इतनी गरमी में एक मजदूर एक राज्य से दूसरे राज्य में पैदल ये एक गर्व की बात है।





12 ke bad sbse achi nukari







12 के बाद सबसे अच्छी पार्ट टाइम नौकरी
अगर आप भी 12 पास हो गए हो ओर आपको पड़ाईं के साथ नौकरी भी करनी है वो भी आधे समय के लिए ताकि आप पैसा भी कमा सके ओर कॉलेज भी कर सके बहुत से लोग घर बैठे पैसा कमाना चाहते ओर कुछ बिना काम किए ओर कुछ पूरे समय में अच्छा पैसा कमाना चाहते है 
घर बैठे पैसे कमाने के तरीके
फ्रीलांसर घर से पैसे कमाने का सबसे अच्छा तरीके है इसमें सभी लोग काम कर सकते है। इसमें कई प्रकार की नौकरी है जैसे कम्पूयटर से सम्बन्धित महिला ओर पुरष की आवाज से संबधित नौकरी वीडियो बनाने वाले लेखन ओर मार्केटिंग ओर कई प्रकार की नौकरी है ।
इसमें आपको आपनी आईडी बनानी है ओर अपनी मनपसंद नौकरी पर बिड लगानी है ओर इसमें आपको $ में काम की राशि मिलेगी। डाटा एंट्री टाइपिंग वॉइस रिकॉर्ड जैसी आदि नौकरी है।

 फिवर ये भी पैसे कमाने की अच्छी साइड है यहां आप aapna सेलर अकाउंट बनाकर थमबेनाल बनाकर इंस्टग्रम की स्टोरी बनाकर सेल कर सकते है ओर फीवर में  डाटा एंट्री टाइपिग ओर वेबसाइट बनाने का काम आसानी से मिल जाएगा। 
अमेज़न आप आधे समय के लिए अमेज़न में भी काम कर सकते है ।
अगर आप बिना कुछ किए पैसा कमना चाहते है तो आप ईमेल प ढ कर भी पैसा कमा सकते है जैसे volutic ओर click genie 
से पैसा कमा सकते हो सिर्फ आपकी ईमेल पड़नी है।
सुपर पे मी़ भी पैसा कमाने का सबसे अच्छा तरीका है इसमें आप सर्वे करके ओर वीडियो देखकर पैसा कमा सकते है वो भी $ Mai अगर आप वीडियो बनाकर पैसा कमना चाहते है तो सबसे अच्छा तरीका यूट्यूब है यह से भी आप अच्छा पैसा कमा सकते है।
हाब टैलेंट ये साइड भी घर बैठे पैसा कमाने का सबसे अच्छा तरीका है यहां कई प्रकार की नोकरी है ओर इसमें आपका कमाया हुआ पैसा पूरा आप के अकाउंट में आता है ओर ना कोई कामिस्न लेता है बीच में।

 

25 Dec 2020

Mountain life

          


The hills themselves have many specialties, here people spend their lives comfortably, neither summer nor winter.  In the summer, people live here only through cold air, no fan is needed or no fridge is needed, people here get it easily from cold water sources, people of the mountains do not need physical exercise.  They also do their physical exercise
      


 People live together in the village, this is the biggest feature of the village, here people do collective work together.  There used to be a Panchayat in the village as well, but in the present time there has not been an earlier Panchayat, now a new form of Panchayat is in front.  There are cottage industries in the village in which the people of the village work together.  The people of the village also do agriculture, animal husbandry and fisheries.  Agriculture is the main task of the people in the village.

 There are government schools for education in the village, but at the present time private schools are also being seen.

 The different thing about living in the mountains is that there is no noise, no sound of vehicles, no worry about the smoke of the factory.  Fresh vegetables Fresh water Fresh natural air is the specialty of all these mountains


    

           

23 Dec 2020

Nainital नैनीताल




नैनीताल झीलों का नगर है ,यहां कई झील है।
नैनीताल की खोज पीटर बेरने ने कि थी लेकिन कुछ इतिहासकारों का मानना है कि नैनीताल की खोज ट्रेल ने कि थी वो दुनिया से नैनीताल को छुपाना चाहता था। 1823 में ट्रेल पहली बार नैनीताल आए थे। लेकिन ट्रेल ने नैनीताल के बारे में किसी को नहीं बताया कि कुमाऊ में इतनी सुन्दर जगह है। शायद वो नहीं चाहते थे कि किसी को इस जगह के बारे में नहीं पता लगे ।
1839 में पीटर बेरेन व्यापार के कारण  अल्मोड़ा आए थे पर जाते जाते रास्ता भूल गए और नैनीताल आ पहुंचे  उस समय नैनीताल किसी एक सामंत के कब्जे में था ओर बेरन ने उसे नाव में ले जाकर बीच ताल में नैनीताल के जमीन में धमकी देकर हस्ताक्षर करवा लिए।
ऐसा इतिहासकरों का मनना है । 1816 से उत्तराखंड अंग्रेजो के अधीन था।
अंग्रेजो ने नैनीताल में आकर स्कूल ओर चर्च स्थापित किए। नैनीताल में एशिया का पहला मेथोडिस्ट चर्च है जो गोथिक शैली में बना है। 
नैनीताल में टी फिन टॉप नाम से एक जगह है इसे डरथी की सीट के नाम से भी जाना जता है।
नैनी पिक या चिना पिक भी नैनीताल मै स्थित है यहां से पूरा नैनीताल दिखता है ये नैनीताल की सबसे ऊंची चोटी है यहां से हिमालय भी दिखता है। 
नैनीताल में केव गार्डन भी है। नैनीताल में मंदिर गुरुद्वारा मस्जिद चर्च ओर बौद्ध मंदिर भी है। एक प्रकार से ये नैनीताल की विशेषता है। नैनीताल में जू भी है जहां कई प्रकार के जानवर है ।
नैनीताल में भारत का पहले मोस गार्डन खुला है।
नैनीताल एरिज भी स्थित है जो हल्द्वानी रोड पर स्थित है।
नैनीताल में राजभवन है जिसका आकर E आकार का है । यह पर सुल्तान डाकू की गुफा भी ओर गोल्फ का मैदान भी है जो 1936 में बना है । पहली दूरबीन भी नैनीताल में एरीज में है।
नैनीताल की माल रोड अंग्रेजो के समय की है नैनीताल में ही फसी गधेरा है जहां लोगो को फसी दी जाती थी।
हनुमानगढ़ी भी नैनीताल हल्द्वानी रोड पर स्थित है। उत्तराखंड का हाईकोर्ट भी नैनीताल में है।
नैनीताल के अंदर ही खूरपाताल सडियाताल सुखताल ओर एक छोटा सा झरना भी नैनीताल में है।
नैनीताल में मा नैना देवी का सुंदर मंदिर है।
नैनीताल में ही भीमताल सात ताल नोकुचियाताल मलवाताल गरुड़ ताल नल जम्यांती ताल फलो का बाजार भवाली भी नैनीताल के अंदर आते है।

22 Dec 2020

जाड़ों के दिन में भारत का हाल

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 आज कल ठंड बढ़ती जा रही तापमान घटता जा रहा है पूरे भारत के राज्यो में कोहरा और पाला गिर रहा है। हिमालय क्षेत्रो में बर्फ गिर रही है इन सब से लोगो का जीवन प्रभावित हो रहा है। पाला गिर ने से पानी की लाइन जम जारी है। पाले गिर जाने से सड़क दुर्घटना भी गिर रही है। पहाड़ो से लेकर मैदानी इलाकों में कोहरा छाया हुआ है धूप का कोई पता ही नहीं है। इन सब से इंसान का जीवन ही नहीं बल्कि जानवरो का जीवन भी प्रभावित हो रहा है।
लोग अपने घर में आग जलाकर  या हिटर या बिस्तर में रह कर ठंड से बच सकते है। कुछ इंसान ऐसे भी जिनके पास अपना मकान नहीं है या फिर वो लोग सड़क के किनारे रहते है भारत में बहुत से लोग है जिनके पास अपने घर नहीं है । ठंड के दिनों में इन लोगो को कई समस्या का सामना करना पड़ता है जैसे मोटे कपड़े ना होना बिस्तर ना होना खाने के लिए खाना ना होना आदि समस्या है।  जो लोग भी आर्थिक रूप से सक्षम है इन लोगो की मदद करनी  चाहिए।
इंसान के बाद जानवरों की समस्या है  उनके अंदर भी जान है उन्हें भी ठंड लगती होगी। आजकल हम सब देखते है सड़क के किनारे कोई ना कोई जानवर दिख जाता है जैसे कुता गाय बैल ओर या फिर सुवर ये भारत में आम बात है । लोग कहे रहे है कि ठंड बढ़ रही है चलो इंसान कुछ ना कुछ उपाय करके सर्दी से बच सकता है । कभी सोचा कि जो जानवर है वो कैसे बचते होंगे सर्दी से
कैसे जानवर ठंडा पानी पीते होंगे कैसे वो  रात को अपने लिए रहने का ठिकाना खोजते होंगे।
सरकार जनता की समस्या सुलझा रही है पर कोई इन जानवरों की ओर तो ध्यान दो। इनका भी तो कोई घर हो जहां ये आराम से रहे सके । बारिश में किसी दुकान के नीचे न खड़ा होना पड़े कोई इन पर लाठी ना मार सके।
सर्दी क्यो बढ़ रही है?  इसका जवाब किस के पास है।
मौसम परिवर्तन इतनी तेजी से हो रहा है इसका कोई जवाब ही नहीं है। इसमें कुछ ना कुछ इंसान की गलती है। इंसान ने प्रकृति के साथ बहुत अत्याचार किए है। जिसका परिणाम आज हमारे सामने है। 
 

19 Dec 2020

bhimtal uttrakhndh

     




   भीमताल एक प्राकृतिक और सुंदर जगह है यहां पर कई सारी तलाबे है सात ताल नोकुचियताल नलधडायमंटी ताल यहां की खूबसूरत ताल है। सात ताल में एक खूबसूरत झरना है ओर ताल के बगल में एक आश्रम है ओर हिडिबमा का मंदिर भी है ।
भीमताल में अंग्रेजो के समय का एक डैम है जो अभी तक है।भीमताल में ही एक तितली संग्रहालय ओर यसोधर मठपाल का संग्रालय भी है । भीमताल में सबसे ऊंची जगह कारकोटक है यहां से नैनीताल ओर हल्द्वानी पूरा दिखता है। कर्कोटक में नाग देवता का मंदिर है। 
भीमताल की ताल के बीच एक टापू बना है माना जाता है कि भीम ने गधा मरा था ओर इस जगह का नाम भीमताल पड़ गया । ताल के किनारे भूमवेस्वर मंदिर है ओर आगे चलकर कचुला देवी का मंदिर है भुमवेस्वर मंदिर का निर्माण चंद राजा बाज बहादुर चंद ने करवाया था। ये मंदिर बहुत प्राचीन है। भीमताल एक सुंदर ओर शांति वाली जगह है। 

18 Dec 2020

haldi khane ke fayde





   हल्दी एक ऐसी  चीज है जिसे हम खाने से लेकर  दवा के रूप में प्रयोग करते है । हल्दी को प्रकृति की दवा के रूप में भी जाना जाता है कुछ लोगो का माना है कि हल्दी से कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है।
हल्दी का प्रयोग  कुछ लोग खाने में प्रयोग करते है थी कुछ लोग सलाद के रूप में प्रयोग करते है । कुछ लोग हल्दी को दूध में डालकर पीते है ताकि उनका शरीर स्वस्थ रहे ओर बीमारियों से बचे रहे । हल्दी का प्रयोग हम झुख़ाम ओर गले में खराश से छुटकारा पाने के लिए हल्दी का दूध पी सकते है ।
मुंह में सफेदी लाने के लिए लोग हल्दी का भी प्रयोग करते है क्योंकि हल्दी एक ऐसी चीज है जो लाभ नहीं देगी तो हानि भी नहीं देगी ।
आधिकतर लोग हल्दी को पीसकर अपने मुंह में लगाते है  । 
कोरॉना वायरस से बचने के लिए भी लोग हल्दी का प्रयोग कर रहे है। 
आगर कोई हल्दी कि खेती करता है तो उसके लिए भी हल्दी लभदायक है क्योंकि हल्दी बजार में बहुत महंगी है ओर इसे अच्छा पैसा कमाया जा सकता है इसे लगाने में ज्यदा खर्चा नहीं आता है।
अगर आप आपने जीवन में कच्ची हल्दी का प्रयोग करते हैं तो ये आप के लिए लाभदायक है ये आपको कभी नुकसान नहीं पहुंचा सकती है।
हदी वजन घटने में भी लाभदायक है हल्दी के पानी पीने से वजन तेजी से घटता है ।
अगर आपके शरीर में कोई चोट लग गई तो आप हल्दी का दूध पी सकते है ये अंदर के घाव को भी तेजी से सही है। 
आजकल लोग बजार मे आई हल्दी पाउडर का प्रयोग करते है जिसमें कई प्रकार के कैमिकल मिले होते है।
पहले लोग हल्दी को अपने घर में पीसकर प्रयोग करते थे पर आजकल लोग नहीं करते शायद तभी पहले के लोग हमसे ज्यादा स्वस्थ थे ।


12 Dec 2020

उत्तराखंड में कुछ पेड़ो का आकार लम्बाई ओर घने ओर ऊंचाई बहुत है क्यो

 आज मै आपको बताने जारी हूं कि उत्तराखंड जो इंडिया का एक राज्य है उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। इसे इसी ही देव भूमि के नाम से नहीं जाना जाता है । उत्तराखंड में सभी धर्म के लोग निवास करते है हिन्दी मुस्लिम सिख ओर बौद्ध धर्म के लोग सब उत्तराखंड के किसी न किसी जिले में बसे है।

आप सभी ने देखा होगा कि उत्तराखंड में कुछ पेड़ो का आकार ओर लंबाई ओर साथ ही वे पेड़ बहुत घने है इसके पीछे कई कारण है  जो आज मै आपको बताने जारी हूं 









अगर मै बात करू उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल की तो यहां आपको हर 1 किलोमीटर बाद कोई ना कोई मन्दिर देखने को मिलेगा ओर ये पूरे कुमाऊं मंडल में देखने को मिलेगा यहां मन्दिरों में एक मान्यता है कि अगर जिस पेड़ के नीचे मंदिर है उस पेड़ को कभी नहीं काटा जाएगा ओर उस मंदिर के आसपस के किसी भी पेड़ को नहीं काटा जाएगा अगर कोई पेड़ काटने की सजा उसे कोई नहीं देता लेकिन माना जाता है कि उसे सजा उसे मिलती है पर कैसे ये आज तक किसी को नहीं पता है ऐसा उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के बुजुर्गो का मनाना है कुछ हद ये बाते सच है जब हम किसी बुजुर्ग से इसके बारे में बात करते है तो वो भी यही बोलते के पेड़ काटने की सजा मिलती है ओर ये सजा कोई कानून के द्वारा नहीं दी जाती है ।

काफी हद  तक ये बाते सच भी है जब में किसी मंदिर के पेड़ को देखती हूं ओर ये सोचती हूं कि ये पेड़ इतना बड़ा ओर घना कैसे है ?  एक बार मैंने सोचा कि इसके बारे में किसी ऐसे इंसान से पूछूं जिसे इसके बारे में एक बुजुर्ग महिला से पूछा कि ये पेड़ इतना ऊंचा ओर घना क्यो है? 

बुजुर्ग महिला का जवाब उत्तराखंड में बहुत से लोगों के अपने कुलदेवता है ओर कुछ कुलदेवता सभी गांव वालों के है जब लोग एक गांव से दूसरे गांव में जाकर बस जाते है तो वो आपने कुलदेवता को उस गांव में स्थापित करते है ओर उसके नाम पर एक मंदिर बनाते है जब उस मंदिर के आसपास कोई भी पेड़ होते है उसे कोई नहीं काट सकता चाहे कैसे भी स्थिति हो कुछ मंदिर ऐसे भी है जो गांव में सभी लोगो के है जो सार्वजनिक है  ओर किसी एक व्यक्ति की जमीन में है ओर उस मंदिर के चारों ओर कितने भी पेड़ हो उन्हें काटने का उस व्यक्ति का आधिकार नहीं है।

ये एक धार्मिक कारण है लेकिन वर्तमान समय में अगर हम इस बारे में सोचे तो ये पेड़ ना काटने का धार्मिक कारण हमारे वर्तमान ओर भविष्य पीढ़ी के लिए काफी लाभदयक है जिस प्रकार आजकल पेड़ो का कटान हो रहा है उसे लगता है कि आने वाले समय में हवा कि भी कमी हो जाएगी जितना है  जितना फायदा हमें पेड़ो से मिलता है तो हमें इनकी रक्षा करनी चाहिए ।

पेड़ो की रक्षा  करने का कर्तव्य सभी इंसान का है इस बात से किसी को कोई फ़र्क नहीं पड़ना चाहिए कि उत्तराखंड के कुछ लोग कुछ गांव वाले पेंडो की रक्षा कैसे भी कर रहे है मुद्दा ये है कि कम से कम वो लोग पेड़ो रक्षा कर रहे है चाहे धार्मिक कारण से ही पर रक्षा करते हो।