26 Dec 2020

कोरोनावायरस का भारत के मजदूरों पर प्रभाव






कोरोनावायरस भारत में बढ़ता जा रहा है रोज नए नए केस मिल रहे है।
 21मार्च 2020 को पूरे भारत  को बन्द कर दिया था । जिससे भारत की अर्थवयवस्था पर प्रभाव पड़ा सारी कम्पनियां बन्द कर दी गई कई लोग बेरोजगार हो गए कुछ लोगो ने वर्क फ्रॉम होम तो कुछ लोग अपने गांव  चले गए। भारत में कुछ लोग ऐसे भी दिखे जो पैदल ही अपने गांव को गए कुछ तो टैक्सी बुक करा के अपने घर गए  ।
ऐसा क्यों की कुछ लोग पैदल ओर कुछ लोग टैक्सी बुक करा के अपने घर गए 
ऐसा इसलिए कुछ लोग तो नौकरी के लिए शहरो में आते है ओर छोटी सी भी नौकरी करने के लिए तैयार हो जाते है जिससे उसमे से आधा पैसा उन्हें अपने परिवार के लिए भेजना पड़ता है। कोरोनावायरस के समय कुछ मजदूर इस आश में लगे थे कि जल्दी से उनकी कम्पनी खुल जाएगी पर ऐसा नहीं हुआ भारत सरकार ने बढ़ते वायरस को देख कुछ ना खोलने का फैसला लिया ओर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव मजदूर वर्ग पर पड़ा अब उन्हें अपने घर लौटने को कहा गया लेकिन उनके पास कुछ पैसा नहीं बचा था क्योंकि भारत बंद के समय उनका जितना पैसा था वो सब खर्च हो गया अब उनके पास पैदल चलकर अपने घर जाने का रास्ता बचा था ओर उन्होंने पैदल मार्ग चुना ओर अपने घर की ओर निकल पड़े रास्ते में उन्हें गर्मी पानी ओर खाने की परेशानी हुई 
पर रास्ते में उन्हें कई लोग इससे भी मिले जिन्होंने इनकी मदद की कई लोगो ने पानी देने से मना कर दिया तो कई लोग रास्ते में मदद के लिए खड़े रहेते थे। पैदल चलने से कई लोगो की मौत हो गई। कोरोनावायरस के कारण शहरो की ओर से गांव कि ओर पलायन देखने को मिला कई लोग अपने गांव वापस आएं। कोरोनावायरस में गांव में बनजर भूमि भी उपजाऊ बन गई लोगो ने अपने गांव में ही काम करना शुरू कर दिया। जो गांव कई साल से खंडर बन गए थे वो फिर से हरे भरे हो गए ।
कोरोनावायरस में भारत के मजदूरों ने जितना पैदल चलकर अपने घर जाने के तक की यात्रा की होगी उतना किसी भी देश के मजदूरों ने नहीं की होगी।
मार्च अप्रैल मई के समय में भारत में गर्मी का स्तर ऊंचा होता है ओर इतनी गरमी में एक मजदूर एक राज्य से दूसरे राज्य में पैदल ये एक गर्व की बात है।





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