भारत में प्रकाशित पत्र पत्रिकाएं
भारत में पत्रिकाओं का विकास पुर्तगालियों के आने के बाद शुरू हुआ है। पुर्तगालियों ने सर्वप्रथम गोवा में मुद्रा टंकण की स्थापना की थी
बंगाल गजट और हिक्की गजट
29 जनवरी 1780 को इस पत्रिका का संपादन हुआ। यह सप्ताहिक पत्रिका थी और अंग्रेजी भाषा में थी। इसके संपादक 10 आगस्टक ही थे। यह भारत का पहला समाचार पत्र था।
उदंत मार्तंड
इस पत्रिका का संपादन युगल किशोर शुक्ला ने 30 मई
1826, में किया। यह भारत का पहला हिंदी समाचार पत्र था। यह सप्ताहिक पत्र था।
बंगदूत
1829 में राममोहन राय ने एक साथ चार भाषाओं में बंगाली उर्दू का अंग्रेजी में यह पत्र छापा। यह एक साप्ताहिक पत्र था और यह कोलकाता से छपता था
बनारस अखबार
1849 में जो पत्रकार काशी से प्रकाशित हुआ। इसके संपादक राजा शिवप्रसाद थे। यह हिंदी क्षेत्र से प्रकाशित होने वाला पहला हिंदी समाचार पत्र था।
समाचार सुधावर्षण
1854 में समाचार पत्र कोलकाता से प्रकाशित होता था। इसके संपादक श्याम सुंदर सिंह थे। यह प्रथम हिंदी दैनिक पत्र था।
प्रजा हितैषी
यह पत्र 1854 में आगरा से प्रकाशित होता था। इसके संपादक राजा लक्ष्मण सिंह थे।
तत्वबोधिनी पत्रिका
इसका प्रकाशन बरेली से होता था। इसके संपादक गुलाब शंकर थे।
वृतांत विलास
यह मासिक पत्रिका थी इसका प्रकाशन जम्मू कश्मीर से होता था।
कविवाचन सुधा
इस पत्रिका का संपादन काशी से होता था
यह एक मासिक पत्रिका है । इसके संपादक भारतेंदु हरिश्चंद्र थे।
हरिश्चंद्र मैगजीन
1874 में इसका नाम परिवर्तन कर हरिश्चंद्र चंद्रिका रख दिया। इसका संपादन भारतेंदु हरिश्चंद्र ने किया यह बनारस से प्रकाशित होती थी।
बालाबोधिनी
1874 में बनारस संपादक भारतेंदु हरिश्चंद्र ने केवल महिलाओ के लिए हिंदी में साहित्यिक पत्रिका छापी। यहां पत्रिका मासिक थी।